Saturday, 26 March 2011

नक्सलियों के दलाल स्वामी अग्निवेश पर फेंके गए अंडे और टमाटर


रायपुर। दंतेवाड़ा के दोरनापाल अग्निकांड की पड़ताल करने गये नक्सलियों के दलाल अग्निवेश को सलवा जुडूम समर्थकों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं विरोध कर रहे इन लोगों ने अग्निवेश के विरोध में नारे लगाते हुए उन पर अंडे और टमाटर फेंके। इस घटना के बाद अग्निवेश ने सरकार से सुरक्षा की मांग की है।



अग्निवेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भारी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। नतीजतन अग्निवेश को सुकमा वापस लौटना पड़ा। दंतेवाड़ा में सलवा जुडूम कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम कर दिया और स्वामी अग्निवेश को दंतेवाड़ा जिले से बाहर निकल जाने की मांग की। विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने अग्निवेश के दल से कंबल और कपड़े छीन लिये। वे नारे लगा रहे थे कि स्वामी 2006 में कहां थे आप, आपकी हमदर्दी नहीं चाहिए।

दरअसल, स्वामी अग्निवेश ही नहीं, देश की राजधानी में बैठकर सामाजिक सक्रियता दिखाने वाले बहुत से सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ दिक्कत यही है कि उन्होंने सामाजिक आन्दोलनों को अपने लिए यशप्राप्ति की सीढ़ी बना लिया है। अपने आन्दोलनों के लिए उन्हें दूरदराज तक के इलाकों में साथियों की जरूरत पड़ती है, लेकिन जब काम निकल जाता है तो इन साथियों को आसानी से भुला दिया जाता है। हमारे ऐसे सामाजिक कायकर्ता अपने व्यवहार में उन राजनेताओं से भिन्न नहीं हैं जो चुनाव जीतने के बाद मतदाताओं को भुला देते हैं।

वहीं सलवा जुडूम के समर्थकों का कहना है कि साल 2006 में जब नक्सलियों ने अग्निकांड किया था तब उसकी जांच के लिए स्वामी अग्निवेश क्यों नहीं आए। स्वामी अग्निवेश का कहना है कि अगर सुरक्षा बालों द्वारा ग्रामीणों के घरों को जलने की घटना यह सच साबित हुई तो सरकार को न्यायिक जांच के लिए तैयार रहना चाहिए।
हमले के अगले दिन रविवार को सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कहा कि सलवा जुडूम नियंत्रण से बाहर हो गया है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2005 में नागरिक सेना आंदोलन 'सलवा जुडूम' की शुरुआत नक्सलियों के विद्रोह का मुकाबला करने के लिए की गई थी। शनिवार को हुई घटना से मुख्यमंत्री रमन सिंह को अवगत कराने के बाद संवाददाता सम्मेलन में अग्निवेश ने टिप्पणी की, 'सलवा जुडूम का नेतृत्व गलत हाथों में है। वह नियंत्रण से बाहर हो गया है।
गौरतलब है कि इस घटना के बाद जिले के दो शीर्ष अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। घटना की सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि रमन सिंह को दंतेवाड़ा में हुई सभी घटनाओं की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने खुद पर हुए हमले के अलावा तीन गांवों में पुलिस अत्याचार के ग्रामीणों के आरोप की जांच कराने की मांग की।

अवनीश। 26 मार्च, 2011

2 comments:

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