Saturday, 5 March 2011

अब अरुंधती की पेंटिंग बनी विवाद का विषय


अब अरुंधती की पेंटिंग बनी विवाद का विषय
नई दिल्ली। विवादित लेखिका अरुंधति राय एक बार फिर इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई हैं। लेकिन इस बार अरुंधती अपने विवादित बयानों को लेकर नहीं बल्कि पेंटिंग को लेकर चर्चा में है। कला जगत के कुछ लोगों ने इसे पब्लिसिटी स्टंट करार दिया तो किसी ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताया है।

दरअसल एक पेंटिंग में अरुंधति को अल कायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन और चीन के एक तानाशाह माओ के साथ दिखाया गया है। तस्वीर में अरुंधति को इन दोनों के बीच निर्वस्त्र दिखाया गया है। और यह पेंटिंग युवा चित्रकार प्रणव राय ने बनायीं है।

प्रणव का कहना है कि उन्होंने ऐसा अरुंधति के प्रति विरोध जाहिर करने के लिए किया है। पेंटिंग को नाम ‘गॉडेस ऑफ फिफ्टीन मिनट्स ऑफ फेम’ यानि पंद्रह मिनट की प्रसिद्ध की देवी दिया गया है। अरुंधति की बुकर अवार्ड विजेता किताब ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ और एंडी वारहोल के बयान ‘इन कमिंग टाइम एवरीबडी विल गेट फिफ्टीन मिनट्स ऑफ फेम’ को मिलाकर पेंटिंग का नाम ‘गॉडेस ऑफ फिफ्टीन मिनट्स ऑफ फेम’ दिया गया है।

प्रणव के अनुसार जैसे एक मदारी बंदर को केले का लालच देकर नचाता है उसी तरह अरुंधति पब्लिसिटी के लिए किसी के भी के हाथ की कठपुतली बनने को भी तैयार रहती हैं। कश्मीरी अलगाववादियों के समर्थन में अरुंधति का विवादित बयान भी पेंटिंग का विषय है। पेंटर अरुंधति के बेड पर ओसामा बिन लादेन को भी दिखाया है। अरुंधति की न्यूड तस्वीर में एक तरफ माओ तो दूसरी तरफ ओसामा बैठा है। बेड पर बिखरे सिक्के भी कुछ इशारा कर रहे हैं।

ज्ञातव्य है कि प्रणव इससे पहले दाऊद इब्राहिम के साथ मशहूर पेंटर एमएफ हुसैन की न्यूड तस्वीर बनाकर विवादों में रह चुके हैं। अब उनकी अरुंधति की इस पेंटिंग पर बड़ी बहस शुरू हो गई है। प्रणव का कहना है कि उन्होंने काफी सोच समझकर इस तस्वीर को तैयार किया है।

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